Tuesday, April 20, 2021

Self Directed Learning

Self-Directed Learning is a booster and pathway of Distance Education Learners. This is the fact that this distant learning approach provides flexible learning opportunities. It is also true that learners need to master several skills. Following Presentation can be a good source of learning endeavors to strengthen Self-Directed Learning. 

 Self-Directed Learning; By clicking the link, we may see the presentation.



Prof. Vandana Punia, Dean, Faculty of Education, Guru Jambheshwar University of S&T, Hisar


Tuesday, March 30, 2021

शिक्षा नीति २०२० : आत्मनिर्भर भारत की पीठिका के रूप में

शिक्षा नीति की परिभाषिक शब्दावली को अगर परिलक्षित किया जाये  तो तो यह कहा जा सकता है की शिक्षा नीति किसी भी राष्ट्र की मूलभूत आवश्यकता होती है जिसमें अतीत का विश्लेषण वर्तमान की आवश्यकता तथा भविष्य की संभावना निहित होती है। नई शिक्षा नीति भविष्य के आत्मनिर्भर भारत की पीठिका है इसका उद्देश्य अपने इतिहास से प्रेरणा और ऊर्जा प्राप्त करना है जिससे भविष्य की चुनौतियों का सामना किया जा सके. इस नीति का मुख्य आधार बिंदु है की राष्ट्र का निर्माण विश्व स्तरीय ढांचे के साथ हो लेकिन उसमें भारतीय आत्मा हो 

नई शिक्षा नीति एक युगांत कारी प्रयास के रूप में भारतीय मानसिकता को औपनिवेशिक मानसिक दासता से मुक्त कराने का क्रांतिकारी प्रयास है इसके माध्यम से भारतीय जनमानस के अंतरण में भारत के प्रति स्वाभिमान एवं भारतीयता के बोध को मजबूत करना है औपनिवेशिक प्रभाव जो भारतीय जनमानस पर युगो से छाया है उसी प्रभाव को मुक्त करना ही इस नीति का परम उद्देश्य है जिससे जनमानस भारतीय संस्कृति और भारतीय ज्ञान परंपरा पर गर्व महसूस करें इस नीति का प्रयास भारतीय जनमानस में आत्मनिर्भरता की भावना का विकास करना है हमारी सोच आचार व्यवहार में निर्भरता हो आत्म-निर्भरता की भावना का आधार स्वदेशी भावना को जागृत करना है.

शिक्षा समाज की एक उप व्यवस्था है तथा यह स्वतंत्र चर नहीं है समाज तथा शिक्षा में पारस्परिक निर्भरता है और यही पारस्परिक निर्भरता नई शिक्षा नीति का एक प्रमुख आधार है पारस्परिक निर्भरता से अगर अर्थ निकाला जाए तो सामाजिक व सामुदायिक भावना के साथ समाज में आपसी निर्भरता बढे तथा स्वदेशी की भावना का जागृत हो / स्वदेशी भावना का अर्थ है हमारी वह भावना जो हमें दूर होकर भी अपने समीपवर्ती प्रदेश का ही उपयोग और सेवा करना सिखाता है इसमें स्थानीय भाषा स्थानीय कोशल स्थानीय कला एवं कारीगरी है देश की निर्धनता का मुख्य कारण स्वदेशी नियमों का भंग होना ही है यदि हम सब स्वदेशी भावना का छात्रों में उद्बोधन करेंगे तो निश्चय हम सभी आत्मनिर्भरता की तरफ बढ़ेंगे तथा हमारे उत्पाद संस्कृति को वैश्विक पहचान मिलेगी

महात्मा गांधी के अनुसार घर के दरवाजे खिड़की खुले होने चाहिए ताकि घर को ताजी हवा में ले जैसा कि इस नीति का उद्देश्य है विश्व स्तरीय ढांचे और वैश्विक पहचान के साथ राष्ट्र का निर्माण हो परंतु आत्मा भारतीय हो बहुत ही दिलचस्प उदाहरण स्वामी विवेकानंद जी का लिया जा सकता है स्वामी विवेकानंद जी भाषा तथा हिंदी भाषा के संवाहक थे यदि उनका एक्स्पोज़र नहीं होता तो वह विश्व प्रसिद्ध नहीं हो सकते थे तथा भारतीय संस्कृति को वैश्विक स्तर पर नहीं ले जा सकते थे विदेशी भाषा सीखने का यह तात्पर्य नहीं है कि हम विदेशी संस्कृति को अपने आचरण व्यवहार और जीवन शैली में डाल ले वैश्विक सोच मानसिकता के अनुसार हमें अपने संस्कार संस्कृति और भाषा पर गर्व करते हुए उसका प्रचार करना चाहिए लेकिन उसमें यथा चित  सुधार भी करें राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 एक राष्ट्रभाषा का अनुमोदन करती है तथा धार्मिक नीति के सिद्धांत को स्वीकाती है धार्मिक नीति से अभिप्राय धर्म नहीं है अपितु सिद्धांत है : महात्मा गांधी

नई शिक्षा नीति के अनुसार प्रारंभिक शिक्षा मातृभाषा में हो महात्मा गाँधी जी ने यथार्थ कहा की  मां के दूध के साथ जो संस्कार और मीठे शब्द मिलते हैं उनके और पाठशाला के बीच जो मेल होना चाहिए वह विदेशी भाषा के माध्यम से संभव नहीं हो पाता पाठ्यक्रम का  बोझ कम करके 21वीं सदी के कौशल विकास पर जोर दिया जाना चाहिए 21वीं सदी का कौशल रचनात्मक एवं नवाचार, क्रियात्मक, आलोचनात्मक, समझ, संप्रेषण एवं सहयोग  है नई शिक्षा नीति वर्तमान की रटंत और  बोझिल होती जा रही शिक्षा के स्थान पर रचनात्मक सोच, तार्किक निर्णय और नवाचार की भावना को बल देती है 21वीं सदी का शिक्षा कौशल डिजिटल शिक्षा के साथ प्रत्यक्ष रूप से जुड़ा है यह शिक्षा नीति डिजिटल शिक्षा महत्वपूर्ण स्थान देती है

क्योंकि 21वीं सदी का भारत आधुनिकता के साथ पुरातन ज्ञान परंपरा और मूल्यों को शिक्षा के साथ संपादित करना चाहता है तथा हमारा आधुनिक छात्र डिजिटल डिवाइस के साथ काम करने के लिए इच्छुक है इसलिए हमें अपने शिक्षा प्रणाली में डिजिटल एजुकेशन को प्रमुख स्थान देना होगा यह डिजिटल एजुकेशन 21वीं सदी की शिक्षा कौशल को विकसित करने में महत्वपूर्ण योगदान देगी हमें अपनी पुरातन शिक्षा व्यवस्था के साथ डिजिटल शिक्षा को भी अनिवार्यता बनाना होगा पाठ्यक्रम का निर्माण करते हुए सभी विषयों में भारतीय ज्ञान परंपरा के साथ कला संस्कृति एवं मूल्यों का भी समावेश हो नई शिक्षा नीति महात्मा गांधी के बुनियादी शिक्षा के कांसेप्ट पर केंद्रित है यह नीति आत्मनिर्भरता और स्वावलंबन की संकल्पना को परिलक्षित करती है शिक्षा नीति सैद्धांतिक शिक्षा के साथ व्यवहारिक शिक्षा कौशल विकास स्वास्थ्य विकास और अप्रेंटिसशिप पर केंद्रित है शिक्षा मानव जीवन में विचार विवेक विवेचन और समालोचनात्मकता और ज्ञान प्राप्त की दिशा को प्रशस्त करती है

नई शिक्षा नीति में खेलकूद शिल्प कला और रुचि को महत्वपूर्ण स्थान दिया गया है जिससे विद्यार्थियों की प्रतिभा और विशिष्ट क्षमताओं का संवर्धन हो सके. नई नीति के अनुसार  हुनर को तलाशा जाए.

शिक्षा नीति का सबसे महत्वपूर्ण पहलू है विज्ञान की समझ के साथ ज्ञान का प्रयोग, शिक्षा नीति शिक्षण विधि बिना दबाव बिना अभाव और बिना प्रभाव के हो,  यह ज्ञान तथा विज्ञान में सामंजस्य स्थापित करने में योगदान दें भाषा तथा उत्तम ज्ञान जहां सत्य का अच्छा वाहक है वहां बिना मूल्य शिक्षा एवं संस्कार के गुमराह करने वाला भी हो सकता है ज्ञान दोहरे चरित्र वाला है नई शिक्षा नीति भारतीय जीवन मूल्यों पर आधारित होने के साथ-साथ भारतीय परंपराओं के  प्रोत्साहन एवं प्रसार पर जोर देती है

निष्कर्ष के तौर पर कहा जा सकता है नई शिक्षा नीति अपने पाठ्यक्रम में उन इनपुट्स को आमंत्रित करती है जिनसे हमारे छात्र सर्जनशील तथा वैज्ञानिक सोच के साथ मानवीय , आध्यात्मिकता , संस्कार प्रक्रिया और सामाजिक व सामुदायिक भावना के साथ ओतप्रोत है 

( प्रोफेसर वंदना पुनिया , डीन ,शिक्षा संकाय ,गुरु जम्भेश्वर विज्ञानं एवं प्रौद्योगिकी विश्विधालय, हिसार )